पटना में फिर बढ़ा कोरोना का खतरा, जूनियर डॉक्टर समेत 7 नए मरीज मिले
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**पटना में फिर बढ़ा कोरोना का खतरा, जूनियर डॉक्टर समेत 7 नए मरीज मिले**
. इस वक्त की सबसे बड़ी खबर बिहार की राजधानी पटना से आ रही है, जहां एक बार फिर से कोरोना वायरस का खतरा मंडराने लगा है। जी हां, पिछले कुछ समय से जिस कोरोना संक्रमण से लोग लगभग बेफिक्र हो गए थे, अब वही संक्रमण धीरे-धीरे फिर से अपनी दस्तक देने लगा है। बीते 24 घंटे में पटना में कुल 7 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें एक जूनियर डॉक्टर भी शामिल हैं। ये खबर न केवल चौंकाने वाली है बल्कि चिंता बढ़ाने वाली भी है। अब जबकि तापमान बढ़ रहा है और मौसम में बदलाव हो रहा है, तो ऐसे में कोरोना के मामलों का अचानक बढ़ना स्वास्थ्य व्यवस्था और आम जनता—दोनों के लिए एक चेतावनी की तरह है।
ताजा जानकारी के मुताबिक, इन मामलों में 3 संक्रमित मरीजों की पुष्टि NMCH यानी नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई है, जबकि बाकी 4 संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट पटना के अलग-अलग प्राइवेट लैब्स में पॉजिटिव आई है। सिविल सर्जन ऑफिस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक हफ्ते में पटना में कुल 17 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। यह संख्या भले ही बड़ी न लगे, लेकिन जिस तरह से मामलों में तेजी आई है, वह संकेत है कि हमें एक बार फिर सतर्क हो जाने की ज़रूरत है।
सबसे अहम बात यह है कि जो लोग संक्रमित पाए गए हैं, वे पटना शहर के अलग-अलग इलाकों से हैं। इनमें कंकड़बाग, अगमकुआं और आरपीएस मोड़ जैसे प्रमुख और घनी आबादी वाले इलाके शामिल हैं। यानी संक्रमण एक जगह तक सीमित नहीं है, बल्कि यह धीरे-धीरे फैल रहा है। इसी कारण से स्वास्थ्य विभाग की चिंता और जिम्मेदारी दोनों बढ़ गई है।
सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि NMCH में कुल 26 लोगों के सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 3 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इन तीनों में से एक मरीज नेत्र विभाग, एक सर्जरी विभाग और एक मेडिसिन विभाग में इलाज के लिए आया था। इसका मतलब यह भी है कि जिन विभागों में ये लोग पहुंचे, वहां स्टाफ से लेकर बाकी मरीजों तक संक्रमण फैलने की आशंका बन सकती है। यह स्थिति काफी संवेदनशील है और अस्पताल प्रशासन के लिए भी यह किसी अलर्ट से कम नहीं।
स्वास्थ्य विभाग अब तेजी से सैंपलिंग और जांच की प्रक्रिया को बढ़ा रहा है। राज्य सरकार की ओर से संकेत दिए गए हैं कि शहर के अधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में रैंडम सैंपलिंग कराई जाएगी और टेस्टिंग का दायरा बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों को फिर से लागू करने पर भी विचार हो रहा है।
हम सब जानते हैं कि कोरोना का संक्रमण कब और कैसे फैल जाए, इसका कोई भरोसा नहीं होता। शुरुआत में ये मामले बहुत छोटे लगते हैं, लेकिन अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यही छोटी लहर एक बड़े तूफान में बदल सकती है। 2020 और 2021 की त्रासदी आज भी लोगों के मन में ताज़ा है, जब अस्पतालों में बेड नहीं मिले, ऑक्सीजन की कमी से कई जानें गईं और देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी।
इसलिए अब जब पटना जैसे बड़े शहर में एक बार फिर कोरोना संक्रमण की आहट सुनाई दे रही है, तो आम लोगों को भी चाहिए कि वे सतर्क हो जाएं। मास्क पहनना, हाथों को समय-समय पर सैनिटाइज करना, भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना और हल्की सर्दी-खांसी या बुखार होने पर तुरंत जांच कराना—ये सब बेहद ज़रूरी हो गया है।
डॉक्टरों की मानें तो कोरोना वायरस लगातार म्यूटेट हो रहा है और नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। हालांकि अब ज्यादातर लोग वैक्सीनेटेड हैं, फिर भी संक्रमण की आशंका बनी रहती है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों के लिए। सरकार की ओर से भी लगातार यही अपील की जा रही है कि लोग बेफिक्री न दिखाएं, क्योंकि एक छोटी सी लापरवाही पूरे परिवार को खतरे में डाल सकती है।
फिलहाल बिहार सरकार स्थिति पर नज़र बनाए हुए है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, अस्पताल प्रशासन और स्थानीय प्रशासन मिलकर संक्रमण पर काबू पाने के लिए रणनीति बना रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में और सख्त कदम उठाए जाएंगे ताकि कोरोना के मामले और न बढ़ें।
हमारा आपसे भी यही अनुरोध है कि आप अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहें। अगर किसी को सर्दी, खांसी, गले में खराश या हल्का बुखार हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और खुद को आइसोलेट करें। स्कूलों, कॉलेजों और दफ्तरों में भी नियमों का पालन अनिवार्य होना चाहिए, ताकि एक बार फिर से वह स्थिति न बने, जब पूरा देश घरों में बंद हो गया था और जिंदगी रुक-सी गई थी।
तो आज की इस अहम खबर में बस इतना ही, लेकिन जाते-जाते एक बात ज़रूर कहेंगे—“सावधानी में ही सुरक्षा है।” सरकार और सिस्टम अपना काम कर रही है, लेकिन आपकी जिम्मेदारी भी उतनी ही जरूरी है। इस बार कोई लॉकडाउन नहीं होगा, बल्कि हमें खुद अपनी ज़िम्मेदारी निभानी होगी।
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