चुनावी बिहार में संघ की धमाकेदार एंट्री! पीएम मोदी-जेपी नड्डा के बाद अब मोहन भागवत की बारी!
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### **चुनावी बिहार में संघ की धमाकेदार एंट्री! पीएम मोदी-जेपी नड्डा के बाद अब मोहन भागवत की बारी, सियासी तापमान हाई—क्या बीजेपी के लिए मास्टरस्ट्रोक या विपक्ष के लिए नई टेंशन?**
बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी बिसात बिछ चुकी है। सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीतियों को धार दे रही हैं। इस बीच बीजेपी के बड़े नेताओं के लगातार बिहार दौरे ने राजनीति को और गर्म कर दिया है। **पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फिर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत बिहार आने वाले हैं।** सवाल उठता है—क्या संघ की एंट्री से चुनावी समीकरण बदलने वाले हैं? क्या बीजेपी के लिए यह मास्टरस्ट्रोक साबित होगा या फिर विपक्ष के लिए एक नई चुनौती खड़ी हो रही है?
### **मोहन भागवत का बिहार दौरा—संयोग या चुनावी रणनीति?**
जानकारी के मुताबिक, **मोहन भागवत 6 मार्च को बिहार के सुपौल जिले के वीरपुर में आ रहे हैं।** वे यहां सरस्वती विद्या मंदिर के नए भवन का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारी, स्वयंसेवक और स्थानीय नागरिक मौजूद रहेंगे। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस दौरे का समय इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
2025 के विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी अपने वोटबैंक को मजबूत करने में जुटी है। संघ हमेशा से बीजेपी की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा रहा है। ऐसे में भागवत का बिहार दौरा क्या केवल एक शैक्षणिक संस्थान के उद्घाटन तक सीमित रहेगा, या फिर इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक रणनीति छिपी है?
### **पीएम मोदी और जेपी नड्डा पहले ही बिहार आ चुके हैं—अब संघ की बारी?**
बिहार में बीजेपी ने चुनाव से पहले पूरी ताकत झोंक दी है।
- **24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भागलपुर आए**, जहां उन्होंने किसानों को लेकर बड़ी घोषणाएं कीं। **किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त जारी कर 9.80 करोड़ किसानों को 22,000 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी।**
- **25 फरवरी को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार दौरे पर पहुंचे**, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और पार्टी की चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने की कोशिश की।
- **अब मोहन भागवत 6 मार्च को बिहार आने वाले हैं।**
इस सिलसिलेवार दौरे को सिर्फ संयोग कहना मुश्किल होगा। यह साफ दिख रहा है कि बीजेपी और संघ मिलकर बिहार में अपने संगठन को मजबूत कर रहे हैं और विपक्ष को कड़ी चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं।
### **संघ की एंट्री से विपक्ष की टेंशन क्यों बढ़ेगी?**
संघ का बिहार में हमेशा से मजबूत नेटवर्क रहा है। आरएसएस के कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर बीजेपी के लिए माहौल तैयार करने का काम करते हैं। अगर मोहन भागवत अपने इस दौरे के दौरान कोई बड़ा बयान देते हैं या फिर कार्यकर्ताओं को कोई खास संदेश देते हैं, तो इसका सीधा असर बिहार चुनावों पर पड़ेगा।
विपक्षी पार्टियों, खासकर **राजद (राष्ट्रीय जनता दल) और कांग्रेस**, को संघ की इस सक्रियता से चिंता हो सकती है। **तेजस्वी यादव लगातार बीजेपी पर हमला बोलते रहे हैं, लेकिन अगर संघ मैदान में उतरता है, तो विपक्ष के लिए मुकाबला और मुश्किल हो सकता है।**
### **क्या बिहार में बीजेपी-संघ की नई रणनीति बन रही है?**
बिहार चुनाव से पहले बीजेपी का पूरा फोकस अपने वोटबैंक को मजबूत करने पर है। इसमें संघ की भूमिका अहम हो सकती है।
- बीजेपी अपने कोर वोटबैंक—**ओबीसी, दलित और अति पिछड़ी जातियों** पर खास ध्यान दे रही है।
- संघ के जरिए पार्टी **हिंदुत्व कार्ड** को भी मजबूत कर सकती है।
- गांव-गांव में संघ के कार्यकर्ता बीजेपी के पक्ष में माहौल बना सकते हैं।
अगर मोहन भागवत इस दौरे में कोई बड़ा संदेश देते हैं, तो इसका असर सीधे चुनावी गणित पर पड़ेगा।
### **अब आगे क्या?**
बिहार की राजनीति में मोहन भागवत का यह दौरा कितना असर डालेगा, यह तो 6 मार्च को उनके भाषण के बाद ही साफ होगा। लेकिन यह तय है कि **संघ की एंट्री ने बिहार चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है।**
अब देखने वाली बात यह होगी कि विपक्ष इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है और बीजेपी इस बढ़ती राजनीतिक हलचल का किस तरह फायदा उठाती है। बिहार चुनाव की राजनीति अभी और रोमांचक होने वाली है, इसलिए जुड़े रहिए हमारे साथ।
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