संभाजी महाराज और औरंगज़ेब पर छिड़ी एक और नयी जंग बुरे फंसे अबू आज़मी !....

संभाजी महाराज और औरंगज़ेब पर छिड़ी एक और नयी जंग बुरे फंसे अबू आज़मी !....


 YouTube video link....https://youtu.be/Dhf8CNr0dxc

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर मुगलों का मुद्दा गरमा गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक **अबू आजमी** के औरंगजेब की तारीफ में दिए गए बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। बयान के बाद जहां बीजेपी ने कड़ा विरोध जताया, वहीं कांग्रेस और AIMIM के कई नेताओं ने अबू आजमी का बचाव किया और औरंगजेब के शासन को महान बताया। हालांकि, विवाद बढ़ने पर अबू आजमी ने माफी मांग ली, लेकिन इस मुद्दे पर राजनीति अब भी तेज है।  

इस पूरे विवाद की जड़ बनी हाल ही में रिलीज हुई मराठी फिल्म **‘छावा, जिसमें दिखाया गया कि **मुगल शासक औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक भयानक यातनाएं दीं और क्रूरता से उनकी हत्या कर दी।इसके अलावा उनकी पत्नी और बेटे को बंधक बना लिया गया। छत्रपति संभाजी महाराज, मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र थे।

फिल्म में औरंगजेब की क्रूरता को दिखाए जाने के बाद महाराष्ट्र में इसे लेकर बहस छिड़ गई। इसी बीच **अबू आजमी** ने एक बयान में **औरंगजेब की तारीफ** कर दी, जिससे मामला और भड़क गया। 

अबू आजमी के बयान के समर्थन और विरोध में महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक बयानबाजी शुरू हो गई।  

इमरान मसूद ने औरंगजेब को महान बताते हुए कहा कि **"औरंगजेब के शासनकाल में भारत की जीडीपी दुनिया में शीर्ष पर थी।"उन्होंने आगे कहा,"जो इतिहास में लिखा है, उसे मिटाया नहीं जा सकता। एक फिल्म बनाकर इतिहास को बदला नहीं जा सकता। औरंगजेब 49 साल तक इस देश का बादशाह रहा, वह आतताई कैसे हो सकता है?"*  

दानिश अली ने कहा कि **"औरंगजेब इतिहास का हिस्सा हैं, उन्हें हटाया नहीं जा सकता। हर राजा-महाराजा की अपनी कार्यशैली होती थी, इसे किसी धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए।"**  

उदित राज ने भी अबू आजमी का बचाव करते हुए कहा कि "अबू आजमी ने कुछ गलत नहीं कहा। हर राजा दूसरे राजा को प्रताड़ित करता था। सिर्फ औरंगजेब को टारगेट करना गलत है।"

राशिद अल्वी ने कहा, **"500 साल बाद औरंगजेब का क्या प्रासंगिकता है? बीजेपी सिर्फ राजनीति कर रही है। औरंगजेब पर आरोप है कि उसने मंदिर तोड़े, लेकिन उसने मंदिरों को पैसा भी दिया। गुजरात में बीजेपी सरकार ने भी मंदिर गिराए हैं।"**  

इम्तियाज जलील ने बीजेपी को घेरते हुए कहा, "अबू आजमी बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं। औरंगजेब पर विवाद उठाकर असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।"

विवाद बढ़ने के बाद अबू आजमी ने सफाई देते हुए माफी मांग ली*। उन्होंने कहा, *"मैं छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का सम्मान करता हूं। मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। मैंने सिर्फ इतिहास में लिखी बातों का जिक्र किया था। अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।"*  

उन्होंने आगे कहा, *"इस विवाद की वजह से महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र बाधित हो रहा है, जो जनता का नुकसान है।"*  

बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) ने अबू आजमी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। बीजेपी नेता किरिट सोमैया** ने कहा, औरंगजेब का महिमामंडन करने वालों के लिए महाराष्ट्र में कोई जगह नहीं है

वहीं, शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा, "जो भी औरंगजेब की तारीफ करेगा, उसे महाराष्ट्र में नहीं रहने दिया जाएगा। छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" 

यह पहली बार नहीं है जब महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर विवाद हुआ हो। कुछ महीने पहले औरंगजेब के समर्थन में बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे। महाराष्ट्र की राजनीति में छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का अपमान किसी भी पार्टी के लिए बड़ा मुद्दा बन जाता है।  

अब देखना होगा कि क्या यह मुद्दा यहीं शांत होगा या आने वाले चुनावों में एक बड़े राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा?

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