बिहार में महागठबंधन की जंग! क्या तेजस्वी का सीएम बनना अब खतरे में? | Bihar Politics

बिहार में महागठबंधन की जंग! क्या तेजस्वी का सीएम बनना अब खतरे में? | Bihar Politics


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# **बिहार में महागठबंधन की जंग! क्या तेजस्वी का सीएम बनना अब खतरे में?**  

बिहार की राजनीति में इन दिनों जबरदस्त उथल-पुथल मची हुई है। महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा, क्योंकि कांग्रेस और राजद के बीच सत्ता की खींचतान तेज हो गई है। कांग्रेस के नए प्रभारी **कृष्णा अल्लावरू** के आते ही पार्टी ने अपना रुख बदल लिया है और अब वह तेजस्वी यादव को सीएम फेस मानने से हिचकिचा रही है। कांग्रेस के इस बदले हुए रवैये से राजद खेमे में हलचल मची हुई है। सवाल उठ रहा है कि क्या तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री बनने का सपना टूट सकता है? या यह सिर्फ चुनावी राजनीति का एक नया दांव है?  

## **कांग्रेस के बदले तेवर, तेजस्वी के लिए मुश्किलें!**  

अब तक बिहार में यह तय माना जा रहा था कि महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। लेकिन कांग्रेस ने अब अपने लिए ज्यादा हिस्सेदारी मांगनी शुरू कर दी है। कांग्रेस विधायक **अजीत शर्मा** ने हाल ही में एक बयान देकर आग में घी डालने का काम किया। उन्होंने कहा,  

*"बिहार का मुख्यमंत्री कौन होगा, यह राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे तय करेंगे।"*  

इस बयान ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया। राजद ने इसे कांग्रेस की महत्वाकांक्षा और गठबंधन में वर्चस्व की लड़ाई करार दिया।  

## **कांग्रेस और राजद के बीच ‘सत्ता संग्राम’!**  


बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। ऐसे में सभी दल अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने में जुटे हैं। महागठबंधन के दो प्रमुख दलों, **राजद और कांग्रेस**, के बीच अब सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री पद को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है।  


- राजद का तर्क है कि उसकी सीटें ज्यादा हैं, इसलिए मुख्यमंत्री पद पर उसी का हक बनता है।  

- कांग्रेस का दावा है कि उसका पारंपरिक वोट बैंक वापस आ रहा है, इसलिए उसे इस बार कम से कम **70 सीटें** चाहिए।  

- तेजस्वी यादव का कहना है कि टिकट सिर्फ उन्हीं को दिया जाएगा, जिनकी जीत की संभावना सबसे ज्यादा होगी।  


## **क्या महागठबंधन में टूट के संकेत?**  


कांग्रेस के बदले हुए रुख से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि महागठबंधन में दरार आ सकती है। कांग्रेस के नए प्रभारी **कृष्णा अल्लावरू** ने साफ कहा है कि पार्टी इस बार **A टीम** बनकर चुनाव लड़ेगी और अपनी स्थिति को मजबूत करेगी। इससे यह साफ हो गया कि कांग्रेस सिर्फ राजद की बैसाखी बनकर नहीं चलना चाहती, बल्कि सत्ता में अपनी अहम हिस्सेदारी चाहती है।  


## **राजद का पलटवार: ‘तेजस्वी ही होंगे सीएम!’**  


कांग्रेस के इस दावे पर राजद नेताओं ने तीखा जवाब दिया है। राजद प्रवक्ता **शक्ति सिंह यादव** ने कहा,  

*"महागठबंधन की सरकार बनेगी तो मुख्यमंत्री सिर्फ और सिर्फ तेजस्वी यादव होंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है।"*  


वहीं, राजद के वरिष्ठ नेता **अब्दुल बारी सिद्दीकी** ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा,  

*"बिहार में सीएम चेहरा राहुल गांधी या सोनिया गांधी नहीं तय करेंगे, यह फैसला बिहार की जनता करेगी।"*  

आरजेडी विधायक **अख्तरुल ईमान** ने भी कांग्रेस को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा,  

*"तेजस्वी यादव महागठबंधन के सर्वमान्य नेता हैं और वही मुख्यमंत्री बनेंगे।"*  

## **क्या यह भाजपा के लिए फायदे की स्थिति?**  

कांग्रेस और राजद के बीच चल रही यह खींचतान **भाजपा और एनडीए** के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। अगर महागठबंधन में इस तरह की तनातनी जारी रही, तो भाजपा को चुनाव में बड़ी बढ़त मिल सकती है।  

## **बिहार की राजनीति में नया मोड़?**  

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस और राजद अपने मतभेद भुलाकर साथ आ पाएंगे, या फिर बिहार की राजनीति में कोई नया समीकरण बनेगा? क्या तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने के लिए कोई और रणनीति अपनानी पड़ेगी? या फिर कांग्रेस की यह रणनीति सिर्फ चुनावी दांव-पेच का हिस्सा है?  

इन सभी सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे। लेकिन एक बात तय है—बिहार की राजनीति में यह महागठबंधन की लड़ाई चुनावी सियासत को और दिलचस्प बना रही है।

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