नीतीश की नकल पड़ी भारी,सजा पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार!लालू के MLC की बहाली से गरमाई बिहार की सियासत!
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### **सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: RJD MLC सुनील सिंह का निष्कासन रद्द, बिहार की राजनीति में मचा बवाल**
**नई दिल्ली/पटना:** बिहार की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आया है। **राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधान परिषद सदस्य (MLC) सुनील कुमार सिंह** को विधान परिषद से निष्कासित किए जाने के फैसले को **सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है।** अदालत ने इसे "अत्यधिक सजा" करार देते हुए कहा कि विधान परिषद को **इस मामले में अधिक उदारता दिखानी चाहिए थी।**
### **क्या है पूरा मामला?**
यह पूरा मामला **फरवरी 2024** का है, जब **बिहार विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी और उनकी नकल करने के आरोप में RJD नेता सुनील सिंह को निष्कासित कर दिया गया था।**
- सुनील सिंह पर आरोप था कि **उन्होंने सदन के भीतर मुख्यमंत्री के हावभाव की नकल कर उनका अपमान किया।**
- इसके बाद, **सदन की आचार समिति ने रिपोर्ट सौंपी**, और अगले ही दिन **उनका निष्कासन ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।**
- बाद में **निर्वाचन आयोग ने उनकी सीट पर उपचुनाव की घोषणा भी कर दी।**
लेकिन **सुनील सिंह ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी,** और अब अदालत ने उन्हें राहत दी है।
### **सुप्रीम कोर्ट का फैसला**
सुप्रीम कोर्ट की **जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह** की पीठ ने कहा कि **यह सजा बहुत ज्यादा थी।**
- **निष्कासन को रद्द करते हुए अदालत ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध की जगह होनी चाहिए।**
- हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि **सुनील सिंह को निलंबन की अवधि के लिए कोई वेतन या भत्ता नहीं मिलेगा।**
- **इसके अलावा, निर्वाचन आयोग द्वारा उनकी सीट पर उपचुनाव की घोषणा भी रद्द कर दी गई।**
### **RJD का BJP-JDU पर हमला**
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद **RJD ने बीजेपी और जेडीयू पर हमला बोल दिया है।**
- **RJD प्रवक्ता ने कहा,**
*"यह सरकार विपक्ष की आवाज़ दबाने में लगी हुई है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इनकी तानाशाही पर करारा तमाचा मारा है।"*
- **RJD नेताओं ने कहा कि सत्ता पक्ष के नेता जब सदन में अनुशासन तोड़ते हैं, तब कोई कार्रवाई नहीं होती, लेकिन विपक्षी नेताओं को तुरंत दंडित कर दिया जाता है।**
### **क्या यह लोकतंत्र के लिए खतरा है?**
इस पूरे घटनाक्रम ने **बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।**
- **क्या अब सत्ता पक्ष के खिलाफ बोलना भी प्रतिबंधित हो गया है?**
- **क्या किसी नेता का विरोध जताना ही उसे सदन से बाहर करने का कारण बन सकता है?**
- **अगर सुप्रीम कोर्ट ने इसे "अत्यधिक सजा" करार दिया है, तो क्या यह बिहार सरकार की साख पर सवाल नहीं उठाता?**
### **BJP और JDU की सफाई**
अब जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है, तो **BJP और JDU की ओर से सफाई भी आई है।**
- **BJP नेताओं का कहना है कि**
*"हमने यह कार्रवाई सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए की थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है, तो हम इसका सम्मान करते हैं।"*
- **JDU के नेताओं ने कहा कि**
*"किसी भी लोकतांत्रिक संस्थान में अनुशासन ज़रूरी होता है, और सुनील सिंह का व्यवहार सही नहीं था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, तो इस पर विवाद नहीं होना चाहिए।"*
### **क्या आगे और विवाद बढ़ेगा?**
अब जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है, बिहार की राजनीति में इस पर जमकर सियासत होगी।
- **RJD इसे BJP-जेडीयू सरकार के खिलाफ बड़ा हथियार बना सकता है।**
- **BJP और JDU इस विवाद को जल्द खत्म करना चाहेंगे।**
- **आम जनता इस फैसले को किस नज़र से देखती है, यह भी महत्वपूर्ण होगा।**
### **निष्कर्ष**
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि **लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है।** अगर किसी नेता को **सिर्फ विरोध जताने के लिए निष्कासित कर दिया जाए, तो यह लोकतंत्र के लिए सही संकेत नहीं है।**
अब देखना होगा कि **इस फैसले का बिहार की राजनीति पर क्या असर पड़ता है** और क्या **BJP और JDU अपनी रणनीति में बदलाव करेंगे?**
**आपका क्या कहना है? क्या सुनील सिंह को निष्कासित किया जाना सही था?** या फिर **सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही दिशा में उठाया गया कदम है?*
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