प्रशांत किशोर डाल रहे हैं दलित वोट बैंक पर डोरे कर दिए यह बड़े ऐलान?

प्रशांत किशोर डाल रहे हैं दलित वोट बैंक पर डोरे कर दिए यह बड़े ऐलान?


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जन सुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने आज बिहार सत्याग्रह आश्रम में आयोजित अंबेडकर वाहिनी प्रदेश कार्यसमिति बैठक के माध्यम से बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को आत्मसात करने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने अपने दो साल के पदयात्रा अनुभव के आधार पर अनुसूचित जाति समाज की दशा और उनकी भागीदारी पर गहरी चिंता व्यक्त की। किशोर ने इस दौरान बिहार में हाल ही में हुई जातीय जनगणना के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि यह स्थिति बहुत चिंताजनक है, जिसमें यह स्पष्ट होता है कि आजादी के 78 साल बाद भी राज्य में अनुसूचित जाति के केवल 3 प्रतिशत बच्चे ही 12वीं कक्षा पास कर पाते हैं। उन्होंने बताया कि यह आंकड़ा न केवल बिहार की शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि बाबा साहब का यह संदेश कितना प्रासंगिक है कि “पहले हमें शिक्षित बनना है, फिर संगठित होकर संघर्ष करना है।”

प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों का सबसे पहला अधिकार संसाधनों पर है। उनका कहना था कि जिन समुदायों को पिछले वर्षों में उपेक्षित किया गया है, उन्हें अब आगे लाने की आवश्यकता है। इसके लिए जन सुराज पार्टी ने अपने 5 प्रमुख वादों का प्रस्ताव रखा है, जिनके माध्यम से समाज के पिछड़े तबकों को सशक्त किया जाएगा। 

उन्होंने खासतौर पर बिहार के युवाओं को मोबाइल के जरिए आत्मनिर्भर बनने के टिप्स भी दिए। प्रशांत किशोर ने कहा कि "हम सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर गांव से 10 सक्रिय युवा सामने आएं। इन युवाओं को सत्याग्रह आश्रम में 5 दिनों के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके बाद उन्हें मोबाइल के माध्यम से 5 से 10 हजार रुपये तक कमाने का हुनर सिखाया जाएगा।" किशोर ने यह भी बताया कि अगर यह योजना सफल होती है, तो इन युवाओं को बाहर जाकर मजदूरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

जन सुराज पार्टी की भविष्यवाणी करते हुए प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि जब उनकी पार्टी सरकार बनाएगी, तो दलित समाज के कल्याण के लिए 'दलित बंधु योजना' चलाई जाएगी। इस योजना के तहत पांच बड़े कदम उठाए जाएंगे। इन कदमों में, सबसे पहले दलित समाज के बच्चों को दसवीं कक्षा के बाद 2,000 रुपये का वजीफा मिलेगा, साथ ही घर बनाने के लिए तीन साल के अंदर तीन डिस्मिल जमीन दी जाएगी। इसके अलावा, गैर मजरुआ जमीन की बंदोबस्ती में दलितों को रिजर्वेशन भी मिलेगा, और सबसे महत्वपूर्ण बात, जन सुराज सरकार के तहत संसाधनों पर दलित समाज का पहला अधिकार होगा। 

प्रशांत किशोर ने बिहार के लोगों से अपील करते हुए कहा, "आपके एक वोट से मोदी जी 45 लाख करोड़ रुपये के तिजोरी की चाबी बन गए हैं। आपने वोट नाली-गली पर दिया, 5 किलो अनाज पर दिया, मुर्गा भात खाकर दिया, अब अपनी वोट की ताकत समझिए और इस बार वोट शिक्षा को मद्देनजर रखते हुए दीजिए।" 

प्रशांत किशोर का यह बयान निश्चित रूप से आगामी चुनावों में बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, जहां उनकी पार्टी दलितों और समाज के हाशिए पर खड़े लोगों के लिए सशक्त उपाय पेश कर रही है। उनके इस दृष्टिकोण से यह स्पष्ट होता है कि जन सुराज पार्टी समाज के सबसे कमजोर वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए तैयार है, ताकि वे भी आत्मनिर्भर बन सकें और उनका अधिकार सुनिश्चित हो सके।

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