Prashant Kishor के अनशन स्थल पर प्रशासन की रोक, मरीन ड्राइव पर टेंट लगाने का काम बंद!
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**प्रशांत किशोर के अनशन स्थल पर प्रशासन की रोक, मरीन ड्राइव पर टेंट लगाने का काम बंद**
**पटना।** जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर द्वारा पटना के मरीन ड्राइव के पास कुर्जी में अनशन स्थल बनाने की कोशिश को जिला प्रशासन ने रोक दिया है। रविवार को प्रशासन ने यह कहते हुए टेंट लगाने का काम रुकवा दिया कि यह जमीन सरकारी है और बिना अनुमति के इस पर किसी भी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सकता। इस घटना के बाद से प्रशांत किशोर के समर्थकों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बन गई है।
### **क्या है पूरा मामला?**
प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी जन सुराज के तहत गंगा नदी के किनारे मरीन ड्राइव के पास अनशन करने का फैसला किया था। इसके लिए पिछले 24 घंटे से स्थल तैयार करने का काम चल रहा था। पार्टी कार्यकर्ताओं ने वहां टेंट लगाने और जमीन को समतल करने का काम शुरू कर दिया था। लेकिन रविवार को स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंचकर इस काम को रुकवा दिया।
पटना सदर एसडीएम गौरव कुमार ने बताया कि जिस जमीन पर अनशन स्थल बनाया जा रहा था, वह सरकारी जमीन है। इस पर किसी भी प्रकार के कार्यक्रम के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है। बिना अनुमति के वहां आयोजन करना नियमों का उल्लंघन है।
### **प्रशांत किशोर की योजना**
प्रशांत किशोर अपनी राजनीतिक और सामाजिक मुहिम को मजबूत करने के लिए अनशन की योजना बना रहे थे। हाल ही में अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्होंने अनशन स्थल पर जाने की तैयारी की थी। उनकी पार्टी का कहना है कि गांधी मैदान में अनुमति नहीं मिलने के कारण उन्होंने मरीन ड्राइव को चुना।
### **प्रशासन का क्या कहना है?**
प्रशासन का कहना है कि पार्टी ने इस आयोजन के लिए पहले से कोई अनुमति नहीं ली थी। रविवार को प्रशासन ने स्थल का निरीक्षण किया और टेंट लगाने का काम रुकवा दिया। पार्टी के नेताओं को बताया गया कि यह जमीन सरकारी है और इसका उपयोग केवल अनुमति के साथ ही किया जा सकता है। हालांकि, पार्टी ने देर शाम अनुमति के लिए प्रशासन को पत्र लिखा है।
### **पार्टी का पक्ष**
जन सुराज पार्टी के नेताओं का कहना है कि प्रशासन का यह कदम लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। पार्टी के एक नेता ने कहा, "हमने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन हमें रोक रहा है। यह जनता की आवाज दबाने का प्रयास है।"
### **गायत्री महायज्ञ का विवाद**
यह वही जमीन है, जहां पिछले साल मई में तीन दिवसीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन हुआ था। उस समय भी प्रशासन ने आयोजकों को नोटिस दिया था। महायज्ञ में देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल हुए थे, लेकिन आयोजन को लेकर विवाद खड़ा हुआ था।
### **किसानों का दावा**
इस जमीन पर स्थानीय किसानों ने भी दावा किया है। किसानों का कहना है कि यह उनकी निजी भूमि है। 2023 में इस मामले को लेकर उन्हें सीओ स्तर पर नोटिस भी दिया गया था। किसानों और प्रशासन के इस विवाद के बीच अब प्रशांत किशोर की पार्टी का कार्यक्रम नया मुद्दा बन गया है।
### **प्रशांत किशोर का अनशन क्यों?**
प्रशांत किशोर ने बिहार में जन सुराज यात्रा के जरिए लोगों की समस्याओं को उजागर करने का बीड़ा उठाया है। उनका कहना है कि राज्य में प्रशासनिक और राजनीतिक सुधार की जरूरत है। इसी मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए वे अनशन करने वाले थे। उनका दावा है कि यह अनशन बिहार के विकास के लिए एक बड़ा संदेश देगा।
### **क्या होगा आगे?**
जन सुराज पार्टी ने अब अनुमति के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा है। अगर अनुमति नहीं मिलती है, तो पार्टी क्या कदम उठाएगी, इस पर सभी की निगाहें हैं। इस मुद्दे पर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
### **निष्कर्ष**
प्रशांत किशोर का यह कदम और प्रशासन का इस पर कड़ा रुख, दोनों ही बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहे हैं। यह मामला सरकारी जमीन के उपयोग और नागरिक अधिकारों के बीच संतुलन का बड़ा सवाल खड़ा करता है। आने वाले दिनों में देखना होगा कि क्या प्रशांत किशोर को अनशन की अनुमति मिलती है या यह विवाद और गहराता है।
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